photo by bharat tiwari
तेरे इश्क की कमी साथ रही
वो गीली ज़मीं साथ रही ...
तेरी मुस्कराहट याद रही
तेरे साथ की कमी साथ रही...
पाँव के नीचे नर्म घास रही
पलकों के पीछे आस रही...
हवा सर्द दिल के साथ रही
तेरी गर्म साँसे याद रही...
दरख्तों से आती आवाज़ रही
तुम क्यों कर ना साथ रही...
सिलवट चादर के पास रही
तेरे ना होने का अहसास रही...
हमेशा सी प्यास रही
‘दस्तकार’ को बस आस रही ...
३०/०५/२०११ ४:१७ श्रीनगर
wah ....
जवाब देंहटाएंadhbhut...