29/12/13

इबादत — भरत तिवारी

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इबादत — मैं जा रहा हूँ मंदिर बनाने — भरत तिवारी । #BabriMasjid #ShauryaDiwas

मैं जा रहा हूँ मंदिर बनाने।
अब बहुत व्यस्त रहूँगा।

देश को तोड़ कर पत्थर इकट्ठे करने हैं,
कुछ बच्चे चाहिए होंगे,
पत्थरों को तर्शवाना होगा।
सबसे ज्यादा ज़रूरत इसे मजबूत बनाने की है.
इतना मजबूत -
कि ...
कोई तोड़ ना सके।
बुर्ज पर चाँद की रौशनी ना पड़े ये भी देखना है।

मजबूती कैसे लायी जाये - हल मिल गया है।
खून के रिश्ते,
और उनके रिश्तों के रिश्ते,
सब को बुलाना है,
जोड़ का शक्तिशाली मसाला बनाने के लिए।

मसाला बनाना कोई मजाक नहीं है,
एक-छः का मजबूत मसाला !
एक हिस्सा बचे लोगों का खून
और छः हिस्सा हड्डीयां।

बहुत काम करना है - इबादत करना अब आसान नहीं रहा ...

#BharatTiwari

9/12/13

उम्मीद का कुआँ

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उम्मीद का कुआँ 
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उम्मीद के कुँए की खुदाई हो रही है,
जिस ज़मीन का खून चूसा जा चुका है...
उसी के अन्दर कई जगह गड्ढे खुदे दिख रहे हैं
खोदाई करने वालों के अलग-अलग गुट, 
अलग-अलग सुरक्षा के उपाय उनके
प्लास्टिक, लोहे, कागज़, कपडे की टोपी पहने 
                                                  ये लोग
सब खुदाई में व्यस्त दिख रहे हैं
उधर दूर एक गुट है, बड़ा गुट है , सबसे बड़ा
वो खुदाई नहीं कर रहा -
क्योंकि उस ने ही ज़मीन बंजर बनाई है
लेकिन वो कह रहा है - हमें ही पता है... 
आपकी प्यास, आपकी भूख कैसे मिटायी जाती है

उम्मीद है कि प्यासे खड़े लोग उसकी बात नहीं बाकियों के गड्ढे
                                                  और उसकी गहराई देखेंगे

तेल-पानी की जगह उम्मीद निकलेगी, ये उम्मीद है


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