दिये जो दर्द तुमने हैं, हसीं हमदम बला के हैं
उसूलन मर गये होते, मगर
मरहम बला के हैं
अभी जागे नहीं हैं हम, अभी कुछ ख्वाब बाक़ी हैं
मिरी नींदें मुझे दे दो, जिगर में गम बला के हैं
हमारे दिन बदलने थे, मुहब्बत हो गई तुमसे
बनी जन्नत मिरी दुनिया, हुए मौसम बला के हैं
diye jo dard tumne haiN,
hasiN hamdam bala ke haiN
Usoolan mar gaye
hote, magar marham bala ke haiN
abhi jaage nahiN
haiN hum, abhi kuch khwaab baqi haiN
miri niNdeN mujhe
de do, jigar meN gam bala ke haiN
hamare din badalne
the, muhabbat ho gayi tumse
Bani jannat miri duniya, huye mousam
bala ke haiN
हमारे दिन बदलने थे, मुहब्बत हो गई तुमसे
जवाब देंहटाएंबनी जन्नत मिरी दुनिया, हुए मौसम बला के हैं
बहुत खूब भाई !
वाह....
जवाब देंहटाएंखूबसूरत गज़ल...
काश के १-२ शेर और कहे होते.....
बहुत खूब!!
अनु