Bharat S Tiwari
राख से शब्द भर गये और मौन मूक साइधर उधरअन्धक हो अन्धक से विस्मय भारत जी .. एक और अदभुत रचना आपकी ..बहुत शुभकामनायें ..ईशवर से यही दुआ करती हूँ ... आपकी लेखिनी में और चार चाँद लगे ..!!!
स्वागत है
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राख से शब्द
जवाब देंहटाएंभर गये
और
मौन मूक सा
इधर उधर
अन्धक हो
अन्धक से विस्मय
भारत जी .. एक और अदभुत रचना आपकी ..बहुत शुभकामनायें ..
ईशवर से यही दुआ करती हूँ ... आपकी लेखिनी में और चार चाँद लगे ..!!!