4/4/12

गाँव में अब भी बचपन मिलने आ जाता है



भाई की बिटिया के मुताबिक़
चौराहा अब बड़ा हो गया है
कहती है -
मैं भी बड़ी हो गई हूँ...

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... सादर भरत

भाई की बिटिया के मुताबिक़

चौराहा अब बड़ा हो गया है

कहती है -

मैं भी बड़ी हो गई हूँ

जब बचपन जा रहा था

तबकी दोस्ती है

चौराहे से

ना बता पाया उसे

कुछ दोस्त हमेशा जवान रहते हैं

कि वो भी हमेशा छोटी ही रहेगी

चाय की गुमटी

उसकी दोस्त पान की दुकान

पीछे बहती साफ़ पानी की नाली

चौराहे के उत्तर-पूर्वी कोने की

मेरी सारी दोस्त दुकानों को

दगाबाज़ कपड़े की दुकान खा गई

बिटिया कहती है –

क्या ही अच्छा कलेक्शन है वहाँ

मेरी दोस्त-दुकानों का नामोनिशान

पानी में घुल गया

फोटोग्राफर का स्टूडियो भी धुल गया

जाने कहाँ गई होगी

मेरी पासपोर्ट साइज़ की निगेटिव

गया समय चुपके से मिलने आ जाता है

गाँव में अब भी बचपन मिलने आ जाता है

बूढ़ा हो गया रिक्शे वाला

बड़ा हो गया है स्कूल

रिक्शेवाले के बेटे की

नीली मोटरसाइकिल पर

बचपन का छोटा स्कूल भी आ जाता है

गाँव में अब भी बचपन मिलने आ जाता है

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