Bharat S Tiwari
thakte nahi gum roz chale aate hain....wha! kya baat hai !
behad beahd khubsoorat hai BT ji
बहुत सुंदर...रचना के भाव अपने से लगते हैं..बहुत सटीक प्रस्तुति...
बस कुचलते हो रास्ते पैरों तलेभूल ये की मजिलवो ही ले जातें हैं ....सबसे अलग ... सबसे जुदा ...आपका अंदाज़ ...!!हमेशा की तरह बहुत ही सुन्दर !!!!
edhar kamal ka nikhar hai kalam men ...khub likhiye... hindi men ek shayar paida ho raha hai.
बहुत खूब तिवाडी साहिब सचमुच गम कभी नहीं थकते ..मगर नूर साहिब ने कहा है..गम मेरे साथ बहुत दूर तक गए /मुझ में थकन न पायी तो बेचारे थक गए
हम भी कहाँ थकते हैंना ना कर के भीरोज़ इन्हें सह जाते हैंथकते नहीं गम रोज़ चले आते हैं....बहुत खूब लिखा है आपने....बधाई स्वीकार करें
स्वागत है
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thakte nahi gum roz chale aate hain....wha! kya baat hai !
जवाब देंहटाएंbehad beahd khubsoorat hai BT ji
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर...रचना के भाव अपने से लगते हैं..बहुत सटीक प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंबस कुचलते हो रास्ते पैरों तले
जवाब देंहटाएंभूल ये की मजिल
वो ही ले जातें हैं ....
सबसे अलग ... सबसे जुदा ...आपका अंदाज़ ...!!
हमेशा की तरह बहुत ही सुन्दर !!!!
edhar kamal ka nikhar hai kalam men ...
जवाब देंहटाएंkhub likhiye... hindi men ek shayar paida ho raha hai.
बहुत खूब तिवाडी साहिब सचमुच गम कभी नहीं थकते ..मगर नूर साहिब ने कहा है..गम मेरे साथ बहुत दूर तक गए /मुझ में थकन न पायी तो बेचारे थक गए
जवाब देंहटाएंहम भी कहाँ थकते हैं
जवाब देंहटाएंना ना कर के भी
रोज़ इन्हें सह जाते हैं
थकते नहीं गम रोज़ चले आते हैं....
बहुत खूब लिखा है आपने....बधाई स्वीकार करें