9/3/12

Haan Mummy ! हाँ मम्मी !

छोटा शहर
– अपना
आवाज़ आयी
मेरा नाम लेकर , माँ बुला रही है

Chhota shahar
Apna -
Aawaaz aayi
Mera naam lekar, Maa bula rahi hai 

4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सहज ढ़ग से भरत जी ने मां से संवाद स्थापित कर लिया और हमारा भी करवा दिया, अपने उद्देश्य में कामयाब काव्य है, सलाम.

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  2. भाई ...
    नम आँखों से
    नमन

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  3. माँ को याद करती आँखें दिखी मुझे..मार्मिक.

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  4. मार्मिक ... देर तक याद रह जाने वाली कविता.

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