11/4/11

तुम्हारे कारनामे / Tumhare Kaarname







7 टिप्‍पणियां:

  1. साबित होता हूँ गलत हर बार ..........वाह ....हर बार कोई नया कोना दिखा जते हो तथाकथित मेरे हदय का ...वाह क्या तो स्वीकारोक्ति है और दर्द भरा है शब्दों में ...शुक्रिया भाई जी !!!!!!!!!!Nirmal Paneri

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  2. तुम्हें मेरा सब पता है !
    और मुझे
    मुझे लगता है की सब पता है
    साबित होता हूँ गलत
    हर बार ..

    अदभुत रचना .. खूबसूरत अभिव्यक्ति ...बहुत शुभकामनायें आपको

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  3. हर बार एक नया कोना दिखा जाना ........."तथाकथित" मेरे हृदय का............
    प्रियतमा की इस बात को 'कारनामे' का नाम देना ......... भई वाह :)

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  4. khoobsurat kaarnaama mehbooba ki katil adaa ka.. bhai super duper like.

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  5. mehbooba ke kaarnaame vo khud bhi na jaane women thy name mystery..and always creates a new history.. super duper bhai

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  6. Bahut sundar Bharat ji...Kya dastkaari hai...

    साबित होता हूँ गलत
    हर बार ..

    vaah...

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  7. बहुत ही खूबसूरत कारनामे माशूका के , और भारत ..आपके शब्दों के कारनामों का तो कहना ही क्या ...:):) ये सच भी है , औरत को समझ पाना बहुत मुश्किल है ! कब वो किस रूप में , कौन से रिश्ते के पीछे कौन सा स्वांग रचा रही है ????... समझ पाना मुश्किल होता है

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