कहाँ हो मम्मी...!
छत पर..
रसोई में ..
बाहर गार्डन में...
स्कूल से तो आगई होंगी.. !?!
बगीचे में गौरैया भी पूछ रही है..
रसोई के सारे मर्तबान चुप हैं..
मेरी चरखी की सद्दी पीली हो गयी अब तो,
स्कूल चल रहा है..
कहाँ हो मम्मी...?
कैक्टस का फूल
- रात खिला था ,
गए सालों जैसा ,
कमल सा मुह बाये...
तुम्हे खोज रहा था...
सुबह सूख गया , अगले साल तक के लिए,
आधी गौरैया कहीं चली गयीं...
पतंग का रंग उड़ गया..............
हाथ लगाया तो कन्ना टूट गया..
मर्तबान से अचार की महक भी चली गयी........
स्कूल में नयी बिल्डिंग बनी देखी,
लड़कियां टीचर को मैडम बुलाती हैं,
'बहन जी ' नहीं.......!
कहाँ हो मम्मी..
सब बदल रहा है,
लेकिन चाँद नहीं बदला...
करवा चौथ भी नहीं..
बस गणेश जी नहीं आते गन्दा करने अब,
उनके साथ हो न आप....!?!
चाँद के पीछे..
देख रही होगी..
मैं भी नहीं बदला ......
छत पर..
रसोई में ..
बाहर गार्डन में...
स्कूल से तो आगई होंगी.. !?!
बगीचे में गौरैया भी पूछ रही है..
रसोई के सारे मर्तबान चुप हैं..
मेरी चरखी की सद्दी पीली हो गयी अब तो,
स्कूल चल रहा है..
कहाँ हो मम्मी...?
कैक्टस का फूल
- रात खिला था ,
गए सालों जैसा ,
कमल सा मुह बाये...
तुम्हे खोज रहा था...
सुबह सूख गया , अगले साल तक के लिए,
आधी गौरैया कहीं चली गयीं...
पतंग का रंग उड़ गया..............
हाथ लगाया तो कन्ना टूट गया..
मर्तबान से अचार की महक भी चली गयी........
स्कूल में नयी बिल्डिंग बनी देखी,
लड़कियां टीचर को मैडम बुलाती हैं,
'बहन जी ' नहीं.......!
कहाँ हो मम्मी..
सब बदल रहा है,
लेकिन चाँद नहीं बदला...
करवा चौथ भी नहीं..
बस गणेश जी नहीं आते गन्दा करने अब,
उनके साथ हो न आप....!?!
चाँद के पीछे..
देख रही होगी..
मैं भी नहीं बदला ......
"Mother and Child" by Seshadri Sreenivasan
- शजर
- शजर
बेहद ह्रदय स्पर्शी और मार्मिक !! ..
जवाब देंहटाएंबहुत प्रिय रचना ... उतनी ही जितनी प्रिय मम्मी। सरलता से पूछना की कहाँ हो मम्मी... फिर खुद ही स्वीकारना की शायद गणेश जी के साथ हो!
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आदरणीय भरत 'शजर'जी
सादर गीतिका 'वेदिका
माँ कहीं नहीं जाती ! बेटी की आँखों में , दिल में समाई रहती है। बहुत सुन्दर और मर्मस्पृशी ...
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