18/4/11

kahin kuch jud to raha nahin hai andar


1 टिप्पणी:

  1. बारहा दिल है तोडा उसने आशिक का
    फिर एक बार तैयारी है दोबारा अंदर ..........हिम्मत की दाद देते हैं आपकी ........बहुत खूब......!!

    'खुद को' उसकी उंगलिया जब हैं छूती
    दिल में मेरे सन्तूर झनकती है अंदर............जलतरंग का एहसास.........♫

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