मुझे से ज्यादा
शायद बहुत ही ज्यादा
मजबूत हो
या
अब
हो गए हो
.
कोशिश शायद मैंने भी करी होगी
शायद पत्थरों को
रखा होगा
सीने पे
मैंने भी
शायद
सह नहीं पाया
और
कमजोरी में ही खुशी
मिली
तभी
तभी तो ऐसा हूँ
और
ऐसे मजबूत से तुम, के मुझे नहीं होना
.....
...........शायद भरत
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