8/10/10

कारक

असल माँ

अंदर होती है

खैर

आसन नहीं है उसको देख पाना

वैसे भी

कोशिश ही कब करी

 

 

माँ लाल नहीं होती

माँ के लाल होते हैं

और कोई रंग माँ का

रंग तो माँ का जी नहीं हो सकता

पानी होती है

अंदर तक हमारे

 

 

जब आये थे तो भी

जब जाओगे तो भी

माँ रहेगी हमेशा

वो किसी के होने से नहीं है

उसके होने से ही...

ये सब जो घूम रहा है ,

वो घूम रहा है

कारक ...

 

 

उसके होने से ही था, है

और रहेगा अनंतकाल तक

ना जब कुछ था तो माँ थी

कुछ ना होगा तो भी होगी...

 

 

भरत २१:०२ ७/१०/२०१०

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