घटिया ओछे नाकारा हम Ghatiya Oche Naakaara Hum #JusticeForWomen
सादर भरत तिवारी
इक अनहोनी घट गयी
के सारा आलम सोते से
जाग गया
अबला का शारीरिक
शोषण
टी.वी. ने दिखाया .
और तब !!! सब को पता
चला कि
अभद्रता की सीमा
क्या होती है
नेताओं के बिगुल
स्त्री समाज की
मुखिया
जिन पर खुद आरोप हैं
शोषण करवाने के
नये नये तरीके के
व्याख्यान देने लगे
अरे ! हाँ !
वो क्या हुआ
राजस्थान वाले केस का
रोना आता है इस समाज
के खोखलेपन पर
जहाँ हर घड़ी
घर के आँगन से शहर
के चौक तक
रोज़ ये हो रहा होता
है
और समाज आँख खोले
सो रहा होता है,
और जो उबासी आये तो
पुलिस को गरिया दिया
... भई ये सब तो
शासन ने देखना है ना !!
हम क्या करें ?
... अब इन्तिज़ार है
सबको
ऐसा कोई वी.डी.ओ
सामूहिक बलात्कार का
भी आ जाये
तो थोड़ा और जागें
...
इन्तेज़ार है
(जाओ बेंडिट क्वीन
देख लो अगर वयस्क हो गए हो)
किसको बहला रहे हो
मियाँ
अंदर जो आत्मा ना
मार डाली हो
तो झाँक लेना ...
फ़िर सो जाना
सच सुनकर नीद अच्छी
आती है
Charitr patan aur child sex ratio difference / black money ( bribe ) ka asar ab dikhne laaga hai age to aur bhi bada najara hoga.
जवाब देंहटाएंSahee kaha.. Har aurat kitnee kadvaahat liye jee rahee hai - kaash log jaan paate.. woh aurat bhee jo ghar se shaayad hee baahar jaatee ho..
जवाब देंहटाएंkavita kisi video se kam nahi bharat..sharmnaak hai ye..jo ab bhi na samjhen wo kavita ka sheersak !!!
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