सुबह करे तारों की बातें
शाम जगा कर रात ये लोग
जाने किस की खातिर
कवितायेँ हैं लिखते लोग...
खुद को छुपा नक़ाब में
करें खुब बड़ी बात ये लोग...
जाने किस की खातिर
कवितायेँ हैं लिखते लोग...
एक को इक और दो को दूजा
तीन को पांच बनाते लोग...
जाने किस की खातिर
कवितायेँ हैं लिखते लोग...
अपनी छोटी सी बुद्धि को
बना टांग अटकाते लोग...
जाने किस की खातिर
कवितायेँ हैं लिखते लोग...
चश्मे के भीतर से देखें
दिन मे रात के तारे लोग...
जाने किस की खातिर
कवितायेँ हैं लिखते लोग...
भेड़ीयाधसान में ना जाना
हैं रंगासियार ये लोग...
जाने किस की खातिर
कवितायेँ हैं लिखते लोग...
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