22/4/11

Tumne milna hi nahin tha to aaye kyon ho / तुमने मिलना ही नहीं था तो आये क्यों हो



6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही खूबसूरती से लिखी है शिकायत... :)

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  2. bhai.....::((((((((((( i knw this nes from me.. am i right..its perfect

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  3. kabhi radha ko hai dekha kya tumne krishna bina ????? waah !!! bahut hi khoobsurat abhivyakti ...

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  4. कृष्ण बिन राधा अकेली , राधा बिन कृष्ण
    दूर रहकर भी बहुत पास हैं ..
    इसीलिए प्रेम दोनों का अमर है
    राधा के लिए बस कृष्ण सच
    और कृष्ण के लिए एक राधा ही सच ..!!!

    एक भावुक लेखक की लेखिनी कमाल की होती है .. आपकी हर कविता भावुक कर देती है ... बहुत शुभकामनायें आपको ...

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  5. हर शेर यथार्थ के भावों से तराशे हैं आपने !
    इस ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई।

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